Tuesday, December 8, 2009

ये तो कमाल हुआ

जो कल नहीं हुआ था, वो आज हुआ,
मेरी एक हंसी से वो नाराज हुआ !!

वो देख नहीं सकता था मेरी आँख में आंसू,
दर्द में तड़पता देख, हँसता रहा कमाल हुआ !!

वो चंद दिनों का पागलपन, वो चंद दिनों का शरूर,
हकीकत समझ रहा था जिसे, बाद में मजाक हुआ !!

कत्ल हुआ था इरादों का, पर मातम मनाया यादो ने,
किसका गम हम छुपाते, जब अपना आंसू ही शराब हुआ !!

कैसे कहे हम अपना गम, जब भींगा हो दर्द से मन,
मिटटी का घरौंदा टूटा हो और सपना जल राख हुआ !!

Sunday, July 26, 2009

ओके

आज तुम्हे चोट लग गयी